Monday, 8 January 2018

मेला कपालमोचन

                
                                   

                             मेला कपालमोचन का यात्रा भम्रण 
 बहुत दिन से ये पोस्ट लिखी पङी थी  और प्रकाशित करने  का बिल्कुल भी मन नही था कारण भी कुछ नही था  बार बार मन में आ रहा था कि भारत भर में बहुत सारे मेले आयोजित किये जाते हैं। और ये हजारों लाखों कि सख्या में लगते हैं। और तेरे इस लिखे हुए में कौन पढेगा ....?????  अरे  तेरी ये जोे अब तक पोस्ट प्रकाशित हूई हैं। सारी की सारी  यही आस  पास के स्थानो की ही तो हैं। और ऊपर से तेरी लिखावट में इतनी सारी अशुद्धियाँ   ...... चल इतने सब तक भी सब ठीक है. .... सबसे बङी कमी तो मेरी खुद की ही हैं। मै खुद सबके साथ घुल मिल नही पाता .... संदीप पंवार भाई साहब नें एक वास्टऐप ग्रुप बनाया है। बहुत सें मित्रो का पता चला।  एक से बढकर एक धुमक्कङ

Monday, 25 December 2017

संडे घुमक्कडी- बौद्ध स्तूप चनेटी और बीरबल का रंगमहल




संडे घुमक्कडी

यात्रा दिनांक-24-12-2017

आज साल 2017 का सेकिंड लास्ट रविवार है आज से मेरी बी० ए० अंतिम वर्ष की एक हफ्ते की क्लासें भी शुरु हो रही है ये साल के अंतिम सप्ताह मे लगती है  आज जाकर सिर्फ रजिस्ट्रेशन ही कराना था दिन में 3 बजे तक कभी भी जाओ और रजिस्ट्रेशन करा आओ । मनदीप को फ़ोन लगाया । भाई तू जायेगा आज यमुनानगर ---हाँ

Wednesday, 29 November 2017

सरस्वती नदी की खोज मे-3


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पंडित जी से जैसे ही पहाड़ की चोटी पर बने माता मन्त्रा देवी सुना तो मन पहाड़ और जगल के रास्ते उस चोटी तक जाने के लिए उछल पडा । पंडित जी से पता कि चोटी की दुरी 2 किमी है आने जानेे मे 2 घंटे का समय लगता है। मन ही मन सोचने लगा। यो पंडित तो बावला हो गया है 2 किमी. की दौड के लिए हम 6 से 7 मिनट का समय लेते थे और अब प्रक्टिस छोड रखी है फेर भी 20 मिनट मे आना जाना कर ही दूगा ये पंडित जी तो मुझे बुड्ढों से भी परे समझ रहे है लगता है सठिया गए है चलो अभी दिखाता हूँ इनको ....

Wednesday, 15 November 2017

सरस्वती नदी की खोज मे - 2

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घर से 9 बजे निकला था और  अब 11 बज रहे थे।  वन विभाग के बोर्ड के पास ही बाईक रोक दी। और वही से नीचे दिख रहे तालाब की फोटो खींचने लगा तालाब ऊपर से देखने पर काफी सुंदर दिख रहा था पक्का बना हुआ था  तालाब तक नीचे पक्की सडक गई हुई है। बाईक स्टार्ट की और तालाब की ओर चल पडा। नीचे तराई की तरफ जाते ही सबसे पहले दर्शन हुए सरस्वती उद्गम स्थल यानि सरस्वती कुंड के जहाँ से नदी का उद्गम हो रहा है। बाईक रोक कर साईड मे लगा दी। पीछे जहाँ वन विभाग का बोर्ड है वही  से ही जंगल शुरु हो जाता है। ओर पहाड़ भी 


सरस्वती उद्गम स्थल 

Wednesday, 8 November 2017

सरस्वती नदी की खोज मे-1

      सरस्वती की खोज मे-1

घुमने के लिए जरुरी नहीं है कि पहले प्लान बनाया जाये या तैयारी की जाये । अक्सर हमारे आसपास ही बहुत ऐसी जगह है जो घुमक्कड़ी के लिए सर्वश्रेष्ठ है पर हम उनकी तरफ इतना ध्यान नही देते । एक घुमक्कड़ के सोचने का तरीका बिल्कुल अलग होता हैं। उसके लिए सारी जगह अच्छी होती हैं। चाहे वह कोई पर्यटन स्थल हो या कोई अनछुई जगह ....घुमक्कड़ी को शब्द या किसी लेख मे लिखा ही नही जा सकता उसे तो बस महसूस किया जा सकता है ।

अब दिल्ली वालो के लिए लाल किला, इंडिया गेट,कुतुबमीनार उतने मायने नहीं रखते जितने कि दिल्ली से बाहर रहने वाले के लिए रखते है पहाड़ों पर भी यही नियम लागू होता हैं।  मेरा मानना है कि घुमक्कड़ी की शुरुआत यही हमारे आस-पास से होती हैं और फिर पहुचते-2 दुसरे शहरों, राज्यों ,देशों तक पहुंच जाती है। शायद ये मेरी शुरुआत है या बस कुछ नहीं।
अरे.... न... न..... नही..... ये आपके लिए नही था ये तो युहीं मन की बाते थी अब मन पे किसी का काबू थोड़े है। ये तो सोचता ही रहता है इसका काम ही सोचना है।
 हम मुद्दे पर आते है तो हुआ  कुछ यूं कि मै फेसबुक पर काफी मित्रों, लेखकों, घुमक्कड गुरुजनो को फोलो करता हूँ।उनकी पोस्टो को पढता रहता हूँ।एक दिन पोस्ट आई सरस्वती नदी के ऊपर ।उसमें नदी के उद्गम और लुप्त होने के बारे मे बताया गया था।

Monday, 16 October 2017

रेणुका जी झील और चिडियाघर




5 अप्रैल 2017

9 बज गये  थे। रास्ते मे ही भूख लगने लगी थी पर रेणुका जी पहुँच के सारी थकान और भूख गायब हो गई ।मंदिर के बाहर बनी फ्री पार्किग मे बाईक रोक दी । मंदिर के बिल्कुल सामने परशुराम तालाब है तब इसमे न के बराबर पानी था और इसमे से गाद निकलवाकर साफ सफाई की जा रही थी इसका जल स्रोत रेणुका झील है रेणुका झील से यह ताल जुडा हुआ है।  रेणुका झील का इतिहास ....

Monday, 29 May 2017

रेणुका जी प्रस्थान

 बहुत   दिनो से सोच रहा था  कि आज लिखूंगा  अपनी यात्रा के बारे मे कल लिखूंगा और सोचते सोचते एक साल निकल गया इस साल के बीच मे काफी यात्राये की पहाडी इलाके की , मैदानी इलाके की    रेल यात्रा, बस यात्रा सबकी यादे बस दिल मे है कुछ धुधली सी कुछ तरोताजा बस इनमे से एक याद आपसे साझा कर रहा हूँ